
अमर भरती : ब्रिटेन के उच्चायोग ने भारत से अगस्ता-वेस्टलैंड मामले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल तक राजनयिक पहुंच की मांग की है। ब्रिटेन उच्चायोग भारतीय अधिकारियों से मिशेल की अवस्था को लेकर तत्काल जानकारी की मांग की है।
एक अधिकारी का कहना है कि हमने मिशेल से राजनयिकों को मिलने देने की भी अपील की है। हमारा स्टाफ यूएई में हिरासत के बाद से ही ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के परिवार की मदद कर रहा है। हम क्रिश्चियन मिशेल के परिवार और यूएई अधिकारियों के संपर्क में हैं।
Sources: Indian Government has received the request of consular access from British High Commission for #ChristianMichel, and is examining the matter https://t.co/R6BkPmBjiQ
— ANI (@ANI) December 6, 2018
साथ ही हमने भारतीय अधिकारियों से मिशेल के हालत के बारे में तत्काल जानकारी मांगी है। इस बीच ब्रिटेन की सरकार ने भी भारत से मिशेल की हिरासत और प्रत्यर्पण के बारे में तत्काल सूचना मांगी है। इस बात की जानकारी ब्रिटेन के विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय के प्रवक्ता ने दी।
यह हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना के लिए खरीदे जाने थे, जिनमें से 8 हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी की उड़ान के लिए किया जाना था। वहीं बाकी के चार हेलिकॉप्टरों में एक साथ 30 एसपीजी कमांडो के सवार होने की क्षमता थी।
2010 में भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड और भारत सरकार के बीच करार हुआ था। जनवरी 2014 में भारत सरकार ने 3600 करोड़ रुपए के सौदे को रद्द कर दिया था। आरोप था कि इसमें 360 करोड़ रुपये का कमीशन लिया गया।
फिर बाद में भारतीय वायुसेना को दिए जाने वाले 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के करार पर सरकार ने फरवरी 2013 में रोक लगा दी थी। जिस वक्त यह आदेश जारी किया गया, भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और बाकी तीन अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी।
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